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Cow and Lion story in hindi। गाय और शेर की कहानी।Hindi story।

हैलो फ्रेंड्स! आज मैं आपको गाय और शेर की कहानी बताऊंगा।आशा करता हूं कि आप इस कहानी का अच्छे से आनन्द लेंगे।                    गाय और शेर क...

हैलो फ्रेंड्स! आज मैं आपको गाय और शेर की कहानी बताऊंगा।आशा करता हूं कि आप इस कहानी का अच्छे से आनन्द लेंगे।




   

              गाय और शेर की कहानी

एक होलकपुर नाम का एक गांव था।वहां पर एक किसान रहता था।उसके साथ उसकी एक गाय रुपा भी रहती थी।किसान प्रतिदिन खेत पर जाता था।और वहां पर मेहनत करता था।और अपनी गाय रुपा की सेवा करता था।वो किसान अपनी गाय रुपा के लिए चारा - पानी और साथ में अन्य खाद्य पदार्थों की व्यवस्था करता था।उसकी सेवा से गाय बहुत खुश रहती थी।और वो भी बदले में किसान के लिए बहुत सारा दूध देती थी।जिससे किसान को भी अच्छा लगता था।वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे।उस गाय की 4 बेटियां थीं।वो छोटी थीं।और किसान गाय के साथ - साथ उनकी भी सेवा करता था।वे भी दिनों दिन बड़ी हो रही थीं।

             गांव के पास शेर का होना 

होलकपुर नाम के एक गांव के पास में एक गुफा थी वहां पर एक शेर भी रहता था।और वो शेर मांसाहारी था और बड़ा ही निर्दयी था।वो तरह तरह के जानवरों को मारकर खाता था।और इंसानों को भी नहीं छोड़ता था।मतलब उनको भी मारकर खा जाता था।एक दिन किसान अपनी गाय के साथ खेत पर जा रहा था।किसान अपने खेत के आधे रास्ते पर पहुंच चुका था।उस समय ठंडी हवा चल रही थी और सुहावना मौसम था।किसान गुनगुनाता हुआ चल रहा था।तभी उसी रास्ते पर वो शेर भी जा रहा था।उस समय शेर की नजर उस किसान और गाय पर पड़ी।और तभी शेर भागता हुआ किसान और गाय की तरफ आया।तब किसान का ध्यान शेर की तरफ नहीं था।वो अपनी मस्ती में मस्त चल रहा था।फिर अचानक से शेर किसान के सामने आ गया और किसान घबरा गया।

                  रूपा गाय की मृत्यु     

        तभी किसान की गाय अचानक से किसान को बचाने के लिए शेर के सामने आ गई और उससे लड़ने की कोशिश की।तभी शेर और गाय में जमकर लड़ाई हुई।और लड़ाई में शेर ने गाय को में डाला।और किसान को अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा।किसान को बहुत दुख हुआ।

               किसान की 4 गाएं

अब किसान के पास सिर्फ उसकी जो गाय रुपा थी,उसकी 4 बछियाएं ही बची थीं।अब किसान उन बछियाओं की सेवा पूरे मन से करने लगा।अब रुपा गाय की 4 बछियाएं धीरे धीरे बड़ी होने लगीं।और 3 साल बाद वे चारों बहुत बड़ी हो चुकी थी। वे लगभग अपनी मां रुपा के बराबर बड़ी हो चुकी थी।और तब किसान अपनी 4 गायों को लेकर खेत पर जा रहा था।

                    शेर से बदला

तभी उस दिन की तरह (जिस दिन उनकी मां मरी थी) शेर उनके सामने आ गया।और उनपर अटैक करने लगा।तभी उनकी मां की तरह वे चारों शेर के सामने आ गई और शेर उनको मारने लगा।तभी चारों ने मिलकर शेर को घेर लिया।और वे शेर पर भारी पड़ने लगीं।उन्होंने मिलकर शेर को घसीटा।शेर ने उनसे छूटने की पूरी कोशिश की।पर शेर उनसे छूट नहीं पाया।और उन चारों ने मिलकर शेर को मार डाला।और उस शेर से अपनी मां की तरह किसान को बचा लिया।किसान उन को अपने घर ले गया।


नैतिक शिक्षा - संघटन में शक्ति,स्वामिभक्ति।


यह कहानी आपको कैसी लगी हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।और आप किस टॉपिक पर स्टोरी पढ़ना पसंद करते हैं।ये भी बताएं।

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